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about type of cell/Prokaryotic/Euokaryotic for all competitive examination/10th/12th class

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Click here for polity   कोशिका के प्रकार (Type of cell)- 1) अविकसित (Prokaryotic)- यह बहुत छोटे जीवो में पाया जाता है। इसे प्रारम्भिक कोशिका भी कहते है। ये सरल सरचना वाली होती है। इनमे केन्द्रक नहीं पाया जाता है। इनकी कोशिका झिली फास्फोलिपिड से बनी होती है।  सबसे छोटी कोशिका माइक्रोप्लाज्मा की होती है जो की प्रोकैर्योटिक है। प्रोकैर्योटिक में गोल्जी-बॉडी, केन्द्रक, ER, Lysosome, माइटोकांड्रिया नहीं पाया जाता हैं।  इनमे स्वाशन प्लाज्मा झिली द्वारा होता है। इनमे कोशिका भीति पतली होती है और 70S Ribosome होता हैं।  2) विकशित (Euokaryotic)- ये पूर्णतः विकशित होती है। इनमे केन्द्रक, गल्जी-बॉडी, ER, माइटोकांड्रिया, Lysosome, तथा 80S Ribosome पाया जाता हैं।  नोट- कोशिका भीति, कोशिका झिली तथा Ribosome Prokaryotic तथा Euokaryotic दोनों में होता हैं।  → पादप कोशिका तथा जन्तु कोशिका में अंतर - पादप कोशिका -  इसमें कोशिका भित्ति, क्लोरोफिल, बड़ा भैक्युलस, पाया जाता हैं। centrosom नहीं इसके स्थान पर सेल-प्लेट होता है।  इसका आकार आयतकार होता हैं।  जन्तु कोशिका- इसमें कोशिका भित्ति, क्लोरोफिल नहीं होता

about cell biology for all examination

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  कोशिका के प्रमुख अंग - 1) कोशिका भीति (Cell-Wall)- पादपों में कोशिका के बाहर एक आवरण पाया जाता है जिसे कोशिका भीति कहते है। यह केवल पादप में पाया जाता हैं। यह कोशिका को आकार तथा सुरक्षा प्रदान करता हैं।  जीवाणु भी एक प्रकार का पादप होता है जिसकी कोशिका भित्ति पेप्टिडोग्लाइकेंन की बनी होती हैं। कवक की कोशिका भीति कैट्रिन की बनी होती है। पादपों की कोशिका भीति सेलुलोज की बनी होती हैं।  2) कोशिका झिली (Plasma Membrence)- यह पादप तथा जंतु दोनों में पाया जाता है। इसी के अंदर कोशिका के सभी अवयय रहते है। यह अर्ध-परागण में रहता है, यह आने-जाने वाले पदार्थो को नियत्रित करता है। यह प्रोटीन का बना होता हैं।  3) माइटोकांड्रिया (Mitrochondria)- इसकी खोज Altmen नामक विद्वान ने किया जबकि इसका नामकरण बेंदा ने किया।  यह कृफचैफ के माध्यम से ATP का निर्माण करता है और 38 ATP मिलकर ऊर्जा का निर्माण करता हैं। इस माइटोकांड्रिया कोशिका के अंदर कोशिकीय स्वासन का कार्य करता हैं।  4) अंत प्रदव्य जातिका (Endo-Plasmic Reticulum)- यह कोशिका को अंदर से आंतरिक सहारा (support) देता हैं। अतः इसे कोशिका का आंत्रिक कंका

about जन्तु विज्ञान/leving sci/cell/कोशिका/जीव द्रव /Protoplasm/कोशिका द्रव /Cytoplasm/कैद्रिका द्रव /Nucleoplasm for raiway/ssc/defence/10th/12th & all comp. exam

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  click here-     biology जन्तु विज्ञान  जीव बिज्ञान तथा जन्तु विज्ञान का जनक अरस्तु को कहते है। जंतु विज्ञान के अंतर्गत वैसी जीवो को रखा जाता है जो स्थंतरिक गति करते है।  कोशिका - इसका अध्यन साइटोलॉजी कहलाता है। सर्वप्रथम कोशिका की खोज 1665 में राबट हुक ने किया किन्तु इन्होने कर्क की मृत कोशिका को खोजा था। इन्हे कोशिका विज्ञान का जनक कहते हैं।  सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज 1674 में एनटेनिवान ल्यूवेन्हॉक ने किया। इन्होने ही जीवाणु की खोज भी किया जिस कारण इन्हे जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) का जनक कहते हैं।  श्लाइडेन तथा शवान नामक विद्वान ने कोशिका सिद्धांत  दिया और इन्होने बताया की जीवो का शरीर छोटे-छोटे कोशिकाओ से मिलकर बने होते है अथार्त कोशिका शरीर की सबसे छोटी इकाई हैं।  → सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाज्मा की होती हैं।  → सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे की होती हैं।  → सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका(मस्तिक) की होती हैं।  जीव द्रव (Protoplasm)- इसकी जानकारी पुरकिंजे नामक विद्वान ने दिया। यह एक गढ़ा (गारा) चिपचिपा द्रव होता है जो कोशिका के अंदर पाया जाता हैं। कोशिका के अंदर के सभी जैविक