about cell biology for all examination
कोशिका के प्रमुख अंग -
1) कोशिका भीति (Cell-Wall)-
पादपों में कोशिका के बाहर एक आवरण पाया जाता है जिसे कोशिका भीति कहते है। यह केवल पादप में पाया जाता हैं। यह कोशिका को आकार तथा सुरक्षा प्रदान करता हैं।
जीवाणु भी एक प्रकार का पादप होता है जिसकी कोशिका भित्ति पेप्टिडोग्लाइकेंन की बनी होती हैं। कवक की कोशिका भीति कैट्रिन की बनी होती है। पादपों की कोशिका भीति सेलुलोज की बनी होती हैं।
2) कोशिका झिली (Plasma Membrence)-
यह पादप तथा जंतु दोनों में पाया जाता है। इसी के अंदर कोशिका के सभी अवयय रहते है। यह अर्ध-परागण में रहता है, यह आने-जाने वाले पदार्थो को नियत्रित करता है। यह प्रोटीन का बना होता हैं।
3) माइटोकांड्रिया (Mitrochondria)-
इसकी खोज Altmen नामक विद्वान ने किया जबकि इसका नामकरण बेंदा ने किया।
यह कृफचैफ के माध्यम से ATP का निर्माण करता है और 38 ATP मिलकर ऊर्जा का निर्माण करता हैं। इस माइटोकांड्रिया कोशिका के अंदर कोशिकीय स्वासन का कार्य करता हैं।
4) अंत प्रदव्य जातिका (Endo-Plasmic Reticulum)-
यह कोशिका को अंदर से आंतरिक सहारा (support) देता हैं। अतः इसे कोशिका का आंत्रिक कंकाल कहते हैं। यह प्रोटीन तथा वसा संश्लेसन (निर्माण) करने में सहायक हैं।
यह दो प्रकार का होता है-
A) Smooth ER -
इसपर Ribosome नहीं पाया जाता है, जिस कारण यह चिकना होता है। यह carbohydrate तथा वसा का निर्माण करता हैं।
B) Rough ER-
इस पर Ribosome पाया जाता है, जिस कारण यह खुरदरा होता हैं। यह प्रोट्रीन निर्माण में सहायक हैं।
5) Ribosome-
यह कोशिका के अंदर के सबसे छोटा अवयव है। यह RNA तथा प्रोटीन का निर्माण करता है जिस कारण इसे Protein Factory कहते हैं।
यह दो प्रकार का होता है-
A) 70𝚂 Ribosome -
यह अविकसित कोशिका (प्रोकैर्योटिक) में होता है। यह कम मात्रा में प्रोटीन बनाता है जैसे- जीवाणु, निल-हरित शवाल, माइक्रोप्लाज्मा, विषाणु etc
B) 80S Ribosome-
यह विकशित कोशिका (Eukaryotic) में पाई जाती है। यह अधिक प्रोटीन बनाती हैं। जैसे- मानव, मेढ़क, बकरी, पादप (पेड़-पौधे)
6) गल्जी काय (Goly-body)-
इसकी खोज कैमिलो गल्जी ने किया। यह पदार्थो के परिवहन में सहायक होता है अथार्त यातायात का नियंत्रण रखता हैं। यह cell-plate, Lyosome तथा Acrosome के निर्माण में सहायक हैं।
7) तारक काय ( Centro-some)-
यह कोशिका में विभाजन का कार्य करता हैं। इसकी खोज बाबरी ने किया।
यह केवल जन्तुओ में पाया जाता है। इसके अंदर सेन्ट्रियोल पाया जाता है जो कोशिका विभाजन करता है।
तंत्रिका कोशिका में कोई भी सेंट्रोसोम नहीं पाया जाता है अतः इसमें विभाजन नहीं होता हैं।
नोट- तंत्रिका कोशिका का कुछ हिस्सा गिलियल कोशिका का बना होता है। जिसमे सेंट्रोसोम पाया जाता हैं और यदि इसमें कोशिका विभाजन अधिक हुआ तो वह ट्यूमर का रूप लेगा और कैंसर बन जायेगा।
8) Lyso-some -
यह केवल जन्तुओ में पाया जाता है। इसकी खोज डी-डूबे ने किया। इसके अंदर जल अपघटक एंजाइम (Hydrolitic engyme) भरा रहता है। जब कोशिका के अंदर का कोई अंग ठीक से काम नहीं करता है तो लाइसो सोम का एंजाइम निकल कर उसे गला देता है।
यदि पूरी कोशिका अनियत्रित हो जाय तो लाइसो सोम फट जाता है। अतः लाइसो सोम को आत्महत्या की थैली कहते है क्योकि इसके फटने से कोशिका नष्ट हो जाती है।
RBC में लाइसो नहीं पाया जाता हैं जिस कारण RBC प्लीहा (spleen) में जा कर भरता है। इसी कारण spleen को RBC का कब्र कहते हैं।
9) केन्द्रक (Nuclious)-
इसकी खोज राबर्ट ब्राउन ने किया। यह कोशिका को नियत्रित करने का कार्य करता हैं। इसे कोशिका का मस्तिष्क कहा जाता हैं।
केन्द्रक के अंदर भरे द्रव को केन्द्रिका द्रव कहा जाता है। केन्द्रक शरीर में उपापचय को नियत्रित करता है। केन्द्रक का 30 % भाग प्रोटीन का बना होता हैं। 10 % DNA का तथा 5 % RNA का बना होता हैं।
10) रसधानी (Vacuols)-
यह पादपों में बड़ा तथा जन्तुओ में छोटा होता हैं। इसका कार्य जल को संचित (पानी को स्टोर करके) रखना हैं।
11) लवक (Plastid)-
यह केवल पादपों में पाया जाता हैं। यह पादपों का सबसे बड़ा कोशिकांग हैं।
यह तीन प्रकार का होता हैं -
A) हरितलवक (Cloroplast)-
यह भोजन बनाता है। यह पतियों में पाया जाता हैं। जिस कारण इसे कोशिका का रसोई या पेंट्री कहते हैं।
B) अवणिर्त लवक (Leucoplast)-
यह रंग हिन् होता है। यह जड़ तथा तना में पाया जाता हैं। यह भोजन को संचित रखता हैं।
C) वर्णित लवक (Chromoplast)-
यह रंग प्रदान करता है।
जैसे- मिर्च तथा टमाटर का लाल रंग - लैकेनपेन के कारण
गाजर का पीला रंग - कैरोटीन के कारण
चुकंदर का लाल रंग - बेटनिन के कारण
फल का पीला रंग - जेंथोफिल के कारण
सेव,प्याज, गाजर का लाल रंग - एंथोसाइनिन के कारण
टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता हैं।
By Kumar
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