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Showing posts from January, 2023

about sense organs/ज्ञानेन्द्रिय/nose/नाक/eye/आँख/tung/जिभ/ear/कान/skin/त्वचा from basic for all exam./railway/ssc/10th/12th class of Biology in hindi language

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  Click here for Physics ➤ज्ञानेन्द्रिय (Sense Organs)- वैसे अंग जो हमे बाहरी वातावरण का आभास कराते है Sense Organs कहलाते है।  इसकी कुल संख्या 5 होती है-  1) नाक (Nose)- नाक सुघने का कार्य करता है। इसमें Olfactory lobe पाया जाता है जो गन्ध को मस्तिष्क के कापौरा तक पहुँचाता है।  2) आँख (Eye)- यह देखने के काम में आता है। मानव का आँख उत्तल लेंस के भांति कार्य करता है।  मानव आँख का सर्वाधिक अपवर्तनांक (चमकीला) भाग लेंस होता है। जब लेंस पर मांस की पतली झिली छा जाती है तो मोतिया बिन हो जाती है।  प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनता है जो वास्तविक, उल्टा बनता है।  आँख के बाहर एक पतली झिली रहती है जिसे कोर्निआ कहते है। नेत्रदान के समय कोर्निआ को दान किया जाता है।  ➨आयरिश (Irish)- यह काला, भूरा व् नीला रंग का होता है। यह आखो में जाने वाले प्रकाशी को नियत्रण करता है। अधिक तीव्रता के प्रकाश आने पर यह सिकुड़ जाता है।  ➨पुपिल्स (Pupils)- यह काले रंग का होता है। इससे होकर प्रकाश अंदर की ओर प्रवेश करता है।  ➨स्क्लेरा (Sclera)- यह आखो का सफेद वाला भाग है।  ➨एकवस हयूमरस- यह एक द्रव है जो आयरिश तथा लेंस के बिच में

about reproductive system/जनन तंत्र/asexual reproduction/अलैंगिक जनन/fission/विखण्डन/budding/मुकुलन /sexual reproduction/लैंगिक जनन form basic for all exam./10th/12th class of Biology

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  Click here for Physics ➤ जनन  तंत्र (Reproductive System)- अपने जैसे समान्य संतान उत्तपति की क्रिया को प्रजनन कहते है।  यह दो प्रकार से होता है- 1) अलैंगिक  2) लैंगिक  अलैंगिक तीन प्रकार से होता है- 1) विखण्डन  2) मुकुलन  3) कायिक  1) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)- इस प्रकार के जनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें जनन की क्रिया एक ही शरीर में हो जाती है।  ➨विखण्डन (Fission)- इसमें केन्द्रक टूटकर दो भागो में बट जाता है। इस प्रकार के जनन असूत्री विभाजन के समान्य होता है। यह Ameba में देखा जाता है।  ➨मुकुलन (Budding)- इसमें शरीर में एक उभार (उठा हुआ) पैदा हो जाता है जिसे Budd कहते है और कुछ समय पष्चात वह उठा हुआ हिस्सा कट जाता है और नये जीव का निर्माण हो जाता है।  गुलाब के तना से नया क़िस्त बनाने की क्रिया Budding कहलाता है।  ➨कायिक (Vegetative)- इस प्रकार के जनन में पौधे के पत्तिया, तना तथा जड़ भाग लेते है। जैसे- गना,आलू, पथलचट्टा (ब्रायोफ्राइट)  पथलचट्टा में प्रजनन पत्ती से होता है।  2) लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)- इसमें मादा युग्मक तथा नर युग्मक क

about brain/nervous system/parts of brain/spinal cord for all exam./10th/12th/ from basic of Biology

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  Click here for Physics ➤तंत्रिका तंत्र (Nervous System)- शरीर की समस्त गति विधियों को नियत्रित करने वाले निकाय को तंत्रिका तंत्र कहते है।  तंत्रिका तंत्र का सबसे मुख्य भाग मस्तिष्क तथा मेरुज्जु होता है।  ➤मस्तिष्क (Brain)- यह पुरे शरीर को नियंत्रित करता है तथा सुचना का आदान-प्रदान करता है। यह एक कोमल एव संवेदनशील अंग है।  मस्तिष्क क्रेनियम नामक हड्डी से  सुरक्षित रहता है। पुरुषो में मस्तिष्क का वजन लगभग 1400gm एव महिलाओ में 1250gm होता है।  मस्तिष्क मेनिनजोइत नामक झिली से ढका रहता है।  जिनकी तीन झिली है - A) ड्यूरामेटर - यह सबसे बाहरी झिल्ली होती है, यहां मोटी रचना होती है।  B) ऑरेकनाइड - यह मध्य झिल्ली होती है, यह भी मोटी रचना है।  C) पयामेटर- यह आंतरिक झिल्ली होता है। यह पतली, मुलायम, तथा पार्दर्शी झिल्ली होती है।  Durameter एव Arachnoid तथा Arachnoid एव Piameter के बिच खाली स्थान होता है, जिसमे द्रव भरा होता है। इस द्रव को सेरेब्रोस्पाइनल द्रव (Cerebrospinal fluid) कहते है।  मानव मस्तिष्क तंत्रिका कोशिका का बना होता है जिसमे कोई भी कोशिका विभाजन नहीं होता है अथार्त इसकी पुनः निर्म

about excretory system/उतसर्जन तंत्र/Kidney/मानव के प्रमुख उतसर्जित अंग/एमोनो टेलीक/युरियो टेलीक/युरिको टेलीक/ग्वानो टेलीक of Biology for all exam./railway/ssc/10th/12th class from basic

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  Click here for Physics ➤Excretory System(उतसर्जन तंत्र)- शरीर से अवशिस्ट (खराब) पदार्थ को बाहर निकालने की क्रिया उतसर्जन कहलाता है।  वैसे अंग जो उतसर्जन के क्रिया में भाग लेते है उन्हें उतसर्जित अंग कहते है।  मानव के प्रमुख उतसर्जित अंग-  1) फेफ़ड़ा  2) आंत  3) यकृत  4) त्वचा  5) वृक (Kidney) फेफ़ड़ा CO₂ तथा जलवाष्प का उतसर्जन करता है।  आंत अनपचे भोजन का उतसर्जन करता है।  यकृत अमोनिया जैसे खतरनाक पदार्थ को यूरिया जैसे कम खतरनाक पदार्थ में बदलता है।  त्वचा पसीना तथा सीबम का उतसर्जन करती है।  ➤वृक (Kidney)- यह मुख्य उतसर्जि अंग है। इसकी संख्या दो होती है। इसका आकार सेम के बिज के समान होता है। इसका भार लगभग 140g होता है।  Kidney पेरिटोनियम नामक झिली से ढका रहती है। वृक के बाहरी भाग को Cartex कहते है। जबकि इसके आंतरिक भाग को मेडयूला कहते है।  वृक में प्रवेश करने वाले भाग को हाईलम कहते है। वृक के अंदर त्रिभुजाकार आकृति को पिरामिड कहते है।  प्रत्येक वृक में लगभग 1.40 लाख नलिकाय पाय जाते है। इन नलिकाओं को नेफ्रॉन कहते है।  प्रत्येक नेफ्रॉन के शीर्ष भाग पर गोल करोरे नुमा पाई जाती है जिसे ब्रोमेन

about blood group/रक्त समूह/Rh-factor/Rh-factor/transfusion of blood/Erythro-Blustosis/संतान में रक्त समूह की सभावना of Biology from basic for all exam./railway/ssc/10th/12th class

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  Click here for Physics Blood Group

about work of blood/रक्त का कार्य/lymph/लासिका /blood clotting/रक्त का जमना /रक्त को थक्का बनाने में महत्वपूर्ण तत्व from basic for all exam./railway/ssc/10th/12th class

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  Click here for Physics ➤Work of Blood (रक्त का कार्य)- 1) गैसों का परिवहन करना।  2) पचे हुए भोज्य पदार्थ का परिवहन करना।  3) तापमान को नियंत्रित करना।  नोट-  मलेरिया में Blood Bank Spleen प्रभावित होता है जिस कारण शरीर ठंडा होने लगता है।  ➤लासिका (Lymph)- इसका रंग हल्का पीला होता है। इसमें Haemaglobin नहीं पाया जाता है। इसका प्रवाह एक दिशा में होता है। यह शरीर को बिमारी (संक्रमण) से बचाती है और शरीर में आंतरिक जल का अवशोसन कर लेती है।  घाव भरने का कार्य लासिका करती है। पोलियो के दौरान लासिका तंत्र प्रभावित हो जाता है। लासिका में ऑक्सीजन की तुलना में CO₂अधिक पाया जाता है।  ➤रक्त का जमना (Blood Clotting)- रक्त का कटे हुए स्थान पर जम जाना रक्त का थका या स्कंदन (Clotting) कहलाता है।  रक्त जमने की क्रिया को Cascade Process कहते है। रक्त के थक्का बनने में 4 से 5 मिनट का समय लगता है।  जब किसी स्थान पर कट जाता है तो थ्रोम्बोसाइट वायु के सम्पर्क में आकर थ्रोम्बोप्लास्टिन में बदल जाता है।  थ्रोम्बोप्लास्टिन कैल्शियम के साथ मिलकर प्रोथ्रोम्बिन को थ्रोम्बिन में बदल देता है।  फाइब्रिन का आकार जाल

about RBC/red blood corpuscles/लाल रक्त कनिका/WBC/white blood corpuscles/विम्वानु /platelets of Biology from basic for all exam./railway/ssc/10th/12th class in hindi language

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  Click here for Physics 1) RBC (Red Blood Corpuscles)(लाल रक्त कनिका)- यह रक्त 40 % भाग होता है। यह रुधिराणु का 99 % भाग होता है। इसकी संख्या 5 मिलियन होती है। इसका जीवन काल 120 दिन होता है।  RBC के कोशिकाओं में केन्द्रक तथा Lysosome नहीं पाया जाता है।  RBC को एरिथ्रोसाइट भी कहा जाता है।  इसका आकार गोल होता है। उच्चाई पर जाने पर इसका आकार बढ़ने लगता है।  वयस्क मानव में यह अस्थिमज्जा में बनता है जबकि भ्रूण आवस्था में यह यकृत में बनता है।  RBC Spleen में जाकर नष्ट हो जाता है जिस कारण Spleen को RBC का क्रब (Grave-yard of RBC) कहा जाता है।  RBC का मुख्य कार्य ऑक्सीजन तथा कार्बनडाईऑक्साइड का परिवहन करना  है।  RBC  के  अंदर Haemoglobin पाया जाता है और Haemoglobin के कारण रक्त का रंग लाल होता है। Haemoglobin के अंदर लोहा पाया जाता है। इन तीनो में से किसी एक का कमी होने पर Animia रोग (रक्त-अल्पता ) होता है।  Haemoglobin ऑक्सीजन से अधिक कार्बन-मोनोऑक्साइड के साथ क्रियाशील होता है।  RBC में प्रत्येक 100mL में 14g Haemoglobin पाया जाता है किन्तु महिलाओ में यह मात्र 13g होता है।  2) WBC (White Blo