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Blood Group



➤रक्त समूह (Blood Group)-

रक्त समूह की खोज लैंड स्टिनर ने किया था। विश्व में 33 प्रकार के रक्त समूह पाय जाते है किन्तु मात्र 4 प्रकार के रक्त समूह 99 % लोग में पाय जाते है। 

रक्त के RBC में एक विशेष प्रकार का Antigen पाया जाता है जो प्रोटीन का बना होता है। यह Antigen दो प्रकार का होते है। A तथा B 

Antigen के आधार पर ही रक्त को 4 समूह में बता बाटा जाता है। 

जिसमे Antigen  A होता है, उसमे Blood Group A होता है। 
जिसमे Antigen  B  होता है, उसमे Blood Group B होता है। 

जिसमे Antigen A तथा B दोनों पाया जाता है उसमे Blood Group AB होता है। 
जिसमे कोई Antigen नहीं होता है उसे Blood Group O कहते है। 

➤Rh-factor -



इसकी खोज 1940 में लैंड स्टिनर तथा विनर ने किया था। यह एक विशेष प्रकार का Antigen होता है जिसे सबसे पहले Rhesus नामक बंदर में देखा गया था। 

जिसमे यह Antigen उपस्थित रहता है उसे Rh+ बोलते है। जिसमे यह Antigen उपस्थित नहीं रहता है उसे Rh− बोलते है। 

नोट- भारत में 90 % से अधिक लोगो में Rh+ है। 

➤रक्त का आधान (Transfusion of Blood)-

किसी ब्यक्ति को बाहर से रक्त देना रक्त का आधान कहलाता है। 

Blood Bank में रक्त 40°F पर जमा रहता है। 

एक बार में कोई ब्यक्ति 1 unit ब्लड (200mL) दान कर सकता है। 

रक्त आधान के समय ब्लड ग्रुप तथा Rh दोनों मिलाते है। यदि विभिन्न रक्त समूह का रक्त किसी व्यक्ति को चढ़ा दिया जाता है तो पहली बार उस ब्यक्ति को कुछ नहीं होगा किन्तु दूसरी बार में उस ब्यक्ति की मृत्यु हो जायगी। 

नोट- रक्त समूह O, -ve किसी को रक्त दे सकता है। अतः इसे सर्वदाता (Universal Donar) कहते है। 

      - रक्त समूह AB, +ve किसी से रक्त ले सकता है, अतः इसे सर्वाग्रही (Universal accepter) कहते है। 

➤ Erythro-Blustosis-

यदि पिता का Rh +ve हो तथा माता का Rh -ve हो तो इस स्थिति में एक ही संतान जीवित होगा शेष संतान मृत पैदा होगा या पैदा होते ही मर जायगा। इसे ही Erythro-Blustosis कहते है। 

➤संतान में रक्त समूह की सभावना-

1) माता-पिता           बच्चा 
    O ❌ O               O, O
    O ❌ A               O, A
    O ❌ B               O, B
    O ❌ AB             A, B
2) माता-पिता           बच्चा 
    A ❌ A                O, A
    A ❌ B                A, B, AB, O
   A ❌ AB              A, B, AB

3)  माता-पिता           बच्चा 
    B ❌ B                O, B
    B ❌ AB             A, B, AB
    
4)  माता-पिता           बच्चा 
     AB ❌ AB           A, B, AB

नोट- बम्बे ब्लड ग्रुप एक विशेष प्रकार का ब्लड ग्रुप है जो 40 लाख ब्यक्ति में से किसी एक में मिलता है। इस रक्त समूह में एक विशेष प्रकार का एंटीजेन होता है जिसे ABO कहते है। 
इसकी खोज सर्वप्रथम 1952 में बम्बई में Dr. Y. G. बेन्डे ने किया था। जिस कारण इसका नाम बम्बे ब्लड ग्रुप हो गया। 


By Prashant

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