about Heart/chember of heart/ह्दय के कोष्टक/अलिंद/atrium/auricle/निलय/ventricle/ह्दय में रक्त का मार्ग/रक्त चाप/BP/blood pressure/Systolic Pressure/Di-stolic Pressure from basic for all exam./10th/12th class of Biology

 

➤ HEART-


ह्दय हिद्रयक पेशियों का बना होता है। यह पेरीकार्डियम नामक झिली में ढका होता है। इसका आकार शंकुआकार होता है। 
यह वक्ष गुहा (छाती) में हल्का वाई ओर होता है। यह रक्त को कम करने का कार्य करता है। ह्दय का भार 300g  होता है। 


➤ह्दय के कोष्टक ( Chember of Heart )-

ह्दय के अंदर के खोखले भाग को चैम्बर कहते है। 

➤अलिंद ( Atrium/Auricle )-

यह ह्दय का ऊपरी भाग होता है। शरीर से आने वाला अशुद्ध रक्त अलिंद के माध्यम से ह्दय में प्रवेश करता है। 

➤ निलय ( Ventricle )-

यह ह्दय का निचला भाग होता है। यह शुद्ध रक्त को पुरे शरीर में पम्प करता है। 

मछली में दो चैम्बर वाले ह्दय होता है। 
उभयचर जैसे मेढ़क, सरीसृप आदि में तीन चैम्बर वाला ह्दय पाया जाता है। 
स्तनधारी तथा पक्षी में 4 चैम्बर वाला ह्दय पाया जाता है। 

नोट- तेलचटा में 13 चैम्बर वाला ह्दय पाया जाता है। 


नोट- वैसे जीव जिनके शरीर का तापमान वतावरण के अनुसार बदलता रहता है उसे विषम तापी या शीत रक्त ( Cold Blooded ) जिव कहते है। जैसे- मछली, मेढ़क, झिपकली। 
इनका ह्दय दो या तीन चैम्बर वाला होता है। 

वैसे जीव जिनके शरीर का तापमान वतावरण के अनुसार नहीं बदलता है उन्हें समतापी या उष्ण रक्तिय ( Warm Blooded ) जीव कहते है। जैसे- पक्षी तथा स्तनधारी 

इनका ह्दय चार चैम्बर वाला होता है। 

➤ ह्दय में रक्त का मार्ग-

शरीर से अशुद्ध रक्त दाहिना अलिंद के माध्यम से ह्दय में आता है। 
दाहिना अलिंद इस अशुद्ध रक्त को दाहिना निलय में छोर देता है। 
दाहिना निलय इस अशुद्ध रक्त को फुसफुस धमनी के माध्यम से फेफ़ड़ा में भेज देता है। 
फेफ़ड़ा रक्त में ऑक्सीजन मिलाकर उसे शुद्ध कर देता है। 
यह शुद्ध रक्त को फुसफुस सिरा के माध्यम से वाया अलिंद में आता है। 
वाया अलिंद इस शुद्ध रक्त को वाया निलय में छोर देता है। 
वाया निलय इस शुद्ध रक्त को पुरे शरीर में पम्प कर देता है। 
वाया निलय ह्दय का सबसे चौरा चैम्बर होता है। 

नोट- दाहिना अलिंद तथा दाहिना निलय के बिच Tri-cuspid wall लगा होता है। 
वाया अलिंद तथा वाया निलय के बिच दो बलनीय कपाट लगा रहता है। 

क्रोरोनरी साइनस नामक तीन नस ह्दय की माँसपेशिओ को रक्त पहुँचती है। 

ह्दय की धरकनो को ऐसथौतोस्कोप द्वारा मापा जाता है। यह प्रतिध्वनि के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसके द्वारा डॉक्टर ह्दय की लब-डब की आवाज सुनता है। 
1 मिनट में ह्दय 72 बार धरकता है जबकि भ्रण आवस्था में 150 बार धरकता है। 
शरीर के पुरे रक्त को पम्प होने में 72 बार धरकन धरकता है जो 1 मिनट का समय लेता है। 
1 मिनट में नारी (नस) 115 बार धरकता है। 
ह्दय की धरकन को निंयत्रित रखने के लिए पेशमेकर का प्रयोग करते है। इसे S.A Node भी कहते है। यह दाहिने सलिंद पर लगा होता है। 
Digoxine का प्रयोग ह्दय के धड़कन को उद्वीपन ( चालू करना ) के लिए करते है। 

➤रक्त चाप ( Blood Pressure, BP )- 

जब रक्त प्रवाहित होता है तो वह नस के दिवालो पर दाब लगाता है जिस दाब को रक्त चाप कहते है। 

➤ Systolic Pressure ( प्रकुंचन दाब )-

जब ह्दय रक्त को पम्प करता है अथार्त जब ह्दय सिकुड़ता है तो रक्त शरीर में प्रवाहित होने लगता है और इससे उतपन्न प्रेशर को ही सिस्टोलिक प्रेशर कहते है। 

➤ Di-stolic Pressure ( अनुसीथलन )-

जब शरीर से रक्त वापस ह्दय में आता है तो ह्दय फैल जाता है और इससे उतपन्न प्रेशर को Di-stolic प्रेशर कहते है। 
BP = Systolic ➗ Di-stolic , 120 /80 ( Normal )

जब BP बढ़ता है तो, BP >140 / 90 ( Hyper Tension )
जब BP घटता है तो, BP <90 /60 ( Hypo Tension )
BP को मापने के लिए डॉक्टर स्फिग्नोमेनोमेटेर ( Sphygnomanometer ) का प्रयोग करता है। 

नोट- थाइरॉक्सिन तथा अधिवृक दोनों मिलकर ह्दय के धरकन को नियंत्रण करती है। 

क्षारीयता ह्दय की गति को कम कर देता है तथा अम्लीयता ह्दय की गति को बढ़ा देता है। 
CO₂ एक अम्लीय गैस है अथार्त इसकी मात्रा बढ़ने पर BP बढ़ जायगी। 
Trade miles test तथा By-pass सर्जरी का संबंध ह्दय से है। 

नोट- स्पिन के सेवन से रुमेटिक ह्दय रोग अच्छा हो जाता है। 

विश्व में पहला ह्दय का प्रत्यारोपण डॉक्टर क्रिसर्च वनार्ड ने 3 Dec. 1967 को दक्षिण आफ्रिका के कैपटाउन शहर में किया। 


By Prashant

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